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नदी कर्तव्य पथ बड़े काम की चमकते रहो इसे गुनगुनाइए साधन प्रकृति शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य सुहाना प्रचलित कला इश्क इबादत है। नृत्य फिज़ाओं जब भी हर बार की तरह ही लोगों की गुजरा हुआ कल से बदलती है नहीं बनना है एकदिनमौज-मस्तीकरलेंवक्तकेबहावमेंमनकीकरलेइसबहतेहुएपड़ावपरथामलेपरिवारकेअनमोलसाथकोपलभरकेलिएउनकेलिएजीले

Hindi कला संगीत की तरह बहती है। Quotes